Tuesday 23 May 2017

आत्म विश्वास

आत्म विश्वास 

जो आइएएस की परीक्षा में पास नहीं हुए |
जो बारहवीं में फेल हो गये क्या वे सब बच्चे बेवकूफ ,बेकार और बेकाम के हैं ?
यह शिक्षा प्रणाली चन्द गुलामों को चुनती है और बाकी की पूरी आबादी को बेकार का घोषित कर देती है  |कोई इंसान बेकार और बेकाम का नहीं है |
कोई याद रख कर लिख सकता है |
कोई हाथ से काम कर सकता है  |
सभी समाज के लिये जरूरी हैं  |
इस पूँजीवादी शिक्षा प्रणाली के चलते करोड़ों लोगों को बेकार माना जा रहा है ,
बच्चे आत्महत्या कर रहे हैं |
फेल बच्चों को फेल मत समझिये  |
असल में आप ही बच्चे की योग्यता समझनें में फेल हो गये हैं !

Wednesday 12 April 2017

मन से मानव की दीर्घ बुद्दी

 मानव मन के चमकते सितारे 


सुबह हुई, शाम ढली, 

मौसम बदले, साल गए, देख, मैं वही हूँ, 


सुरज की तरह मैं वही हूँ. 
ना चांद की तरह रोज़ बदला, 
ना बादल की तरह आया और गया, 
देख, उँची चट्टान की तरह वही हूँ.
आंखें निर्दोष है, बाज नही हूँ,
बंजर होकर भी रेगिस्तान नही हूँ,
देख, फुलो में खुशबू की तरह वही हूँ.
मजबूत इरादे, अंदाज वही हूँ,
सुनो मुझे, आवाज़ वही हूँ,
हां वही हूँ, देख यही हूँ.
शोर नही हूँ, कोई और नही हूँ,
एक मछली हूँ, बेख़ौफ नही हूँ.
फिर भी, देख, यही हूँ,
देख वही हूँ!











Monday 30 January 2017

परहेज का दोषी


कुछ दिल को झकझोरने वाली पंक्तियां हैं ।
यह है पूरी कविता, जो स्वयं अपने द्वारा लिखी गई हैं 

                            शीर्षक -  सत्ता में बेरोजगारी  


Friday 30 September 2016

मोडर्न समय



                                                                                                                                      में आया था

                        कुछ नही जानता वहां  फिर सुनसान जगह थी |
                         पर कुछ पल और कुछ क्षण डटा रहा ........
                                           हमें करना क्या हैं
                                          वह भी अब में सोचता हूँ ,करना क्या हैं |
                                       लोंग मुझे पूछते है
                                      फिर भी  कुछ नही बता पाता हूँ
                                     बस में उस मैदान में ही रुका रहता हूँ
                                   और कुछ सोचता रह जाता हूँ
            यही मेरी कमजोरी थी ,जिसे खुद न  समझ  सका ......
             जो हमारे लिए बहुत जरूरी  है
           मन से पूछता ,करना क्या हैं
          पल भर बाद सोचता हूँ ,करना क्या है |
                       वही बस हमारा कीमती समय था
                      जो मेने सोचने में गवां दिया ..............

आत्म विश्वास

आत्म विश्वास  जो आइएएस की परीक्षा में पास नहीं हुए | जो बारहवीं में फेल हो गये क्या वे सब बच्चे बेवकूफ ,बेकार और बेकाम के हैं ? यह शिक्...