जो आइएएस की परीक्षा में पास नहीं हुए | जो बारहवीं में फेल हो गये क्या वे सब बच्चे बेवकूफ ,बेकार और बेकाम के हैं ? यह शिक्षा प्रणाली चन्द गुलामों को चुनती है और बाकी की पूरी आबादी को बेकार का घोषित कर देती है |कोई इंसान बेकार और बेकाम का नहीं है | कोई याद रख कर लिख सकता है | कोई हाथ से काम कर सकता है | सभी समाज के लिये जरूरी हैं | इस पूँजीवादी शिक्षा प्रणाली के चलते करोड़ों लोगों को बेकार माना जा रहा है , बच्चे आत्महत्या कर रहे हैं | फेल बच्चों को फेल मत समझिये | असल में आप ही बच्चे की योग्यता समझनें में फेल हो गये हैं !
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